EPS-Employees Pension Scheme: नौकरी करने वाले कर्मचारियों को अपने ईपीएफ अकाउंट का तो पता होता है. लेकिन कुछ ही कर्मचारियों का ईपीएस (कर्मचारी पेंशन स्कीम) अकाउंट की जानकारी होती. ऐसे में अक्सर लोग अपना ईपीएस का पैसा खाते निकालना भूल जाते हैं.
नौकरीपेशा की सैलरी से कटने वाली रकम दो खातों में जाती है. पहला प्रोविडेंट फंड यानी EPF और दूसरा पेंशन फंड यानी EPS होता है. इसमें कुल रकम का 12 फीसदी ईपीएफ कर्मचारी की ओर में जमा हो जाता है. वहीं, कंपनी की ओर से 3.67 फीसदी EPF में जमा होता है. बाकी 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जमा हो जाता है. हालांकि, इसमें हर महीने 1,250 रुपये की अधिकतम सीमा है.
अगर आसान शब्दों में कहें किसी व्यक्ति की मासिक सैलरी 25,000 रुपये है तो कंपनी का योगदान 15,000 रुपये के 8.33 फीसदी तक सीमित रहेगा. इसी तरह अगर किसी को 10,000 रुपये सैलरी मिलती है तो ईपीएस में कंपनी का कॉन्ट्रिब्यूशन 10,000 रुपये का 8.33 फीसदी होगा.
आइए अब इससे जुड़े सवालों के जवाब जानते है…
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